प्रो. आनंद भालेराव
माननीय कुलपति
राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय
का परिचय
प्रो. आनंद भालेराव
माननीय कुलपति
राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय के वर्तमान कुलपति प्रो. आनंद भालेराव एक शिक्षाविद हैं जो ज्ञान के धनी हैं और उन्हें शिक्षण और प्रशासन का 35 वर्षों का विशाल अनुभव है । उन्होंने पुणे विश्वविद्यालय, पुणे से सिविल इंजीनियरिंग में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की है । प्रो. भालेराव के अनुसंधान के क्षेत्र हाइड्रोलिक इंजीनियरिंग, परियोजना प्रबंधन, सेडमेंट परिवहन और निर्माण प्रबंधन हैं । उनकी अनुसंधान में गहरी रुचि है और उन्होंने 9 पीएच.डी. शोधार्थियों का मार्गदर्शन तथा लगभग 20 एम.टेक विद्यार्थियों के शोध-प्रबंध का पर्यवेक्षण किया है । राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं और प्रतिष्ठित सम्मेलनों में उनके 44 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित हैं ।
शिक्षा और प्रशासन में उनके कौशल के आधार पर उन्हें प्रबंधन बोर्ड, योजना एवं प्रबंधन बोर्ड, अकादमिक परिषद, परीक्षा बोर्ड, अंतर्विषयक अध्ययन हेतु तदर्थ बोर्ड के सदस्य, सिविल इंजीनियरिंग में अध्ययन बोर्ड के अध्यक्ष, इंजीनियरिंग संकाय और सिविल इंजीनियरिंग अध्ययन हेतु अध्ययन बोर्ड, शासी मंडल, तथा देश के विभिन्न प्रसिद्ध संस्थानों में संपादकीय मंडल के सदस्य के रूप में नामित किया गया है। उन्हें अनेक प्रतिष्ठित संस्थानों द्वारा व्याख्यान प्रस्तुत करने हेतु आमंत्रित किया गया है।
प्रो. भालेराव नवाचार गतिविधियों तथा उपकरणों को विकसित करने और प्रयोगशालाओं की स्थापना हेतु पहल करने में अग्रणी रहे हैं। उन्होंने संकाय विकास, अनुसंधान और प्रशिक्षण के लिए अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों और प्रतिष्ठित उद्योगों के साथ संपर्क विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिनमें तोकुशिमा यूनिवर्सिटी, जापान, ड्रेक्सेल यूनिवर्सिटी, फिलाडेल्फिया, यूएसए, ज्वाइंट स्कूल ऑफ नैनोसाइंस एंड नैनो इंजीनियरिंग (जेएसएनएन), एनसीएटी, यूएसए, उत्तरी कैरोलिना स्टेट यूनिवर्सिटी (एनसीएटी), ग्रीन्सबोरो, यूएसए, एक्टेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड, यूएसए, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, एआरएम यूनिवर्सिटी, यूएसए, इंफोसिस लिमिटेड, विप्रो टेक्नोलॉजीज लिमिटेड, एसकेएफ इंडिया इत्यादि शामिल हैं । उन्होंने किर्लोस्कर ब्रदर्स इंडिया लिमिटेड, पुणे को सेंट्रीफ्यूगल पंपों की प्रदर्शन विशेषताओं के लिए परामर्श सेवाएं प्रदान करने में भी योगदान दिया है।
प्रो. भालेराव के पास डीएमएसआरडीई/डीआरडीओ, जीटी रोड, कानपुर, महाराष्ट्र ऊर्जा विकास निगम, महाराष्ट्र सरकार, एआईसीटीई मोड्रोब योजना, वीएआरटीएम प्रक्रिया द्वारा समग्र सामग्री और नैनो फाइबर (इलेक्ट्रो स्पिनिंग विधि) का उपयोग करके समतल और विविध आकार के पैनलों के निर्माण, महाराष्ट्र के सांगली जिले में गुडे पंचगनी में पवन ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना, बीओटी आधारित एनएच4 पर कटराज घाट के लिए नई सड़क के तकनीकी प्रस्ताव का वित्तीय विश्लेषण, पोस्टग्रेजुएट हाइड्रोलिक प्रयोगशाला का उन्नयन, स्लोपिंग बेड पर अबाधित प्रवाह में असमान सेडिमेंट हेतु प्रारंभिक गति स्थिति, सहित अनेक वित्त पोषित शोध परियोजनाएं हैं ।
विश्वविद्यालय में कार्य ग्रहण से पूर्व प्रो. भालेराव भारती विद्यापीठ विश्वविद्यालय, इंजीनियरिंग कॉलेज, पुणे के प्राचार्य के रूप में कार्यरत थे । उन्होंने कैंपस समिति के अध्यक्ष, अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संकाय के अधिष्ठाता, सिविल इंजीनियरिंग विभाग के विभागाध्यक्ष, स्थापना दिवस कार्यक्रम के आयोजन समिति के अध्यक्ष, विश्वविद्यालय दीक्षांत कार्यक्रम आयोजन समिति के समन्वयक, विश्वविद्यालय वार्षिक रिपोर्ट समिति के समन्वयक, यूजीसी समीक्षा रिपोर्ट समिति, पुणे के समन्वयक, और भारती विद्यापीठ डीम्ड विश्वविद्यालय, पुणे में एमएचआरडी रिपोर्ट समिति के समन्वयक इत्यादि के रूप में भी अपना योगदान दिया है । उन्होंने इंडस्ट्रीज टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, पार्कर हनीफिन लिमिटेड आदि के साथ बी.टेक (कंप्यूटर साइंस एंड बिजनेस सिस्टम) और बी.टेक. (रोबोटिक्स एंड ऑटोमेशन) जैसे सहयोगात्मक कार्यक्रमों को प्रारंभ कर उद्योग और अकादमी को सही मायने में एक साथ लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है ।
प्रो. भालेराव को अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, जिनमें भारती विद्यापीठ, पुणे द्वारा भारती विद्यापीठ सेवा गौरव पुरस्कार (2012), भारती विद्यापीठ डीम्ड विश्वविद्यालय, पुणे द्वारा उत्कृष्ट शोधकर्ता पुरस्कार (2012), साकल मेडी समूह द्वारा राजीव गांधी संगनक सारथी पुरस्कार, महायात्रा (2009), इंडियन सोसाइटी फॉर टेक्निकल एजुकेशन, नई दिल्ली द्वारा सर्वश्रेष्ठ इंजीनियरिंग कॉलेज प्रिंसिपल (2005) हेतु आईएसटीई भारतीय विद्या भवन राष्ट्रीय पुरस्कार, इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स, पुणे द्वारा मिस्टर इंजीनियर (2005) पुरस्कार, पुणे नगर निगम, पुणे द्वारा शिक्षक गौरव पुरस्कार (2005), महाराष्ट्र सरकार द्वारा रक्तदान आयोजक पुरस्कार (2004), आईएसईएम द्वारा ज्वेल ऑफ इंडियन अवार्ड (2004) शामिल हैं ।
प्रो. राव तीन वर्षों तक नैनो-प्रौद्योगिकी पर नैनोकॉन- अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के अध्यक्ष, इंडियन सोसाइटी फॉर हाइड्रोलिक, पुणे के उपाध्यक्ष, आईएसटीई महाराष्ट्र और गोवा सेक्शन के कार्यकारी परिषद के सदस्य, पुणे कंस्ट्रक्शन इंजीनियरिंग एंड रिसर्च फाउंडेशन के सदस्य, एनबीए, एनएएसी, एआईसीटीई द्वारा प्रत्यायन समूह के सदस्य, यूजीसी द्वारा पर्यवेक्षक तथा हाइड्रोलिक इंजीनियरिंग और जल संसाधनों पर विभिन्न राष्ट्रीय सम्मेलनों के लिए आयोजन सचिव नियुक्त किये गये ।
प्रो. भालेराव ने शैक्षणिक ज्ञान के विकास हेतु अनेक कार्यशालाओं और संगोष्ठियों में भाग लिया है और इंडियन सोसाइटी फॉर हाइड्रोलिक्स, इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स, इंडियन एनवायरनमेंटल एसोसिएशन, इंडियन रोड कांग्रेस और इंडियन सोसाइटी फॉर टेक्निकल एजुकेशन की व्यावसायिक सदस्यता प्राप्त की है।
प्रशासन और विश्वविद्यालय के दैनिक कार्यों में उनका व्यापक अनुभव है । कुशल शिक्षक और प्रशासक के रूप में, वह उद्योग-अकादमी संबंधों और उद्यमिता विकास, पाठ्यक्रम विकास और छात्रों को उद्योग के लिए तैयार करने, व्यक्तित्व विकास, प्रौद्योगिकी कार्यान्वयन, प्रशिक्षण और कौशल विकास को आगे बढ़ाने में अग्रणी रहे हैं । शिक्षण और प्रशासन के प्रति उनके जुनून, प्रतिबद्धता और समर्पण के कारण वे दुनिया के लोगों के लिए प्रेरणास्रोत हैं ।